मप्र में 19 माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूट (एमएफआई) हैं। राज्य में कुल वित्तीय संस्थानों की संख्या 35 है, जिनमें 5 बैंक भी शामिल हैं। माइक्रो फाइनेंस कंपनी कम आय वर्ग के लोगों को गारंटर के बिना ही लोन देती है। यह बात बुधवार को माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क (एमएफआइएन) के प्रेसीडेंट राकेश दुबे ने कही। वे भोपाल में एमएफआइएन द्वारा वित्तीय समावेशन : समावेशी विकास के लिए अत्यावश्यक विषय पर बुधवार को आयोजित मप्र फाइनेंशियल इनक्लूजन कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। दुबे ने बताया कि राज्य सरकार के वित्तीय समावेशन एजेंडा को आगे बढ़ाने में फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट्स की भूमिका महत्वपूर्ण है। बैंक और वित्तीय संस्थान इसे आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रमुख सचिव फाइनेंस एवं कमिश्नर इंस्टीट्यूशनल फाइनेंस मनोज गोविल ने हुए कहा कि वित्तीय संगठनों को कमजोर वर्ग के लोगों तक अपने ज्यादा से ज्यादा उत्पाद पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए। पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री विश्वास सारंग, जनसंपर्क एवं संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एसके बंसल ने कार्यक्रम को संबोधित किया। कॉनक्लेव में एमपी वूमन फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कार्पोरेशन की एमडी वयानगनकर, पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच, गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च की प्रोफेसर डॉ. तारा एस.नायर शामिल हुई।