मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन के दौरान फैली हिंसा के बाद शांति बहाली की अपील को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कल से यहां जारी अनिश्चिकालीन उपवास आज समाप्त हो गया। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश जोशी और कई बुजुर्ग किसानों ने मुख्यमंत्री को उपवास के मंच पर नारियल पानी पिलाकर उनका उपवास तुड़वाया।
उपवास समाप्त होने के पहले मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश की जनता से अपील की कि जनता प्रदेश में अराजकता फैलाने वाले तत्वों को अलग-थलग करे और प्रदेश को एक बार फिर शांति का टापू बनाने में मदद करे। उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान निर्दोषों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन ‘शैतानियत’ और ‘हैवानियत’ फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
मंदसौर पीड़ितों ने तुड़वाया व्रत
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदसौर जिले में हिंसा में मरने वाले लोगों के परिजन ने भी उनसे मुलाकात करते हुए उनसे उपवास तोड़ने की अपील की। उन्होंने वहां मौजूद जनता से पूछा कि प्रदेश में दो दिन से हिंसा की कहीं से कोई खबर नहीं आई है, क्या उन्हें उपवास तोड़ देना चाहिए, जिस पर सभी ने एकसुर में हां में जवाब दिया।
दूध खरीदी के लिए अमूल फार्मूला लागू करने की मांग
वहीं किसानों की समस्याओं के समाधान के प्रति प्रतिबद्धता जताते हुए उन्होंने प्रदेश में दूध खरीदी के लिए अमूल फार्मूला लागू करने, कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन आयोग बनाने, एक हजार करोड़ रुपए का मूल्य स्थिरीकरण कोष स्थापित करने और स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर स्टेट लैंड यूज एडवाइजरी सर्विस बनाने की भी घोषणा की।
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