कृषि कल्याण तथा कृषि विकास के उपसंचालक ने बताया कि भ्रमण संस्थानों में बाजरा अनुसंधान संस्थान जोधपुर, कृषि विज्ञान केन्द्र सवाई माधोपुर, राजस्थान एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूड जयपुर, कृषि विज्ञान केन्द्र अजमेर, स्वामी केशवानंद राजस्थान एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय बीकानेर, कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर आदि स्थल शामिल है।
भ्रमण में कृषकों ने विभिन्न मिलेट फसलों के साथ-साथ मिलेट फसल बाजरा से अधिक उत्पादन प्राप्त करने की उन्नत तकनीकी के गुण सीखे। कृषकों ने बताया कि कृषि अनुसंधान संस्थान, कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा बाजरा फसल उत्पादन के उपरांत बिस्किट, आटा, दलिया, लड्डू आदि उत्पाद बनाकर बाजरा फसल से अधिक आय प्राप्त की जा सकती है।
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