माता कात्यायनी की कहानी हिंदू पौराणिक कथाओं में प्रसिद्ध है। एक पौराणिक कथा के अनुरूप, एक समय, राक्षस महिषासुर द्वार सुरक्षित और अत्यंत बलशाली हो गया था। देवताओं ने भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शरण में जाकर उस राक्षस का सामना किया। देवी दुर्गा का जन्म हुआ, जो मां पार्वती के रूप में आईं। देवी ने तपस्या करके और अपनी भक्ति में माता कात्यायनी के रूप में महिषासुर का वध किया। इस कथा से माता कात्यायनी को शक्ति और बाल का प्रतीक माना जाता है, और उनका पूजन भक्ति में बहुत महत्व पूर्ण है, विशेषर नवरात्रि के दौरन।
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