मध्य प्रदेश में भी लागू हो दुकानों का नामकरण कानून _ धैर्यवर्धन
शिवपुरी-मध्य प्रदेश भाजपा के पूर्व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य धैर्यवर्धन ने खाद्य सामग्री विक्रेताओं की दुकान , हाथ ठेलों पर अनिवार्य रूप से नाम , आधार कार्ड पर अंकित पता और गुमास्ता कानून के अंतर्गत आवंटित पंजीयन नंबर और विक्रेता तथा दुकान मालिक का मोबाइल नंबर अनिवार्यतः लिखा जाना चाहिए ।
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वरिष्ठ भाजपा नेता धैर्यवर्धन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव , नगरीय निकाय मंत्री माननीय कैलाश विजयवर्गीय को एक्स/ ट्विटर पर लिखा कि गुमास्ता कानून के पालनार्थ भी सभी विक्रेताओं को अपना नाम और पता दुकान पर साफ, बड़े अक्षरों में लिखना ही चाहिए ।
भाजपा नेता धैर्यवर्धन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि उत्तर प्रदेश की तरह अब मध्य प्रदेश में भी इसे अनिवार्यतः लागू किया जाना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि कई बार विक्रेताओं द्वारा अमानक और अशुद्ध सामग्री बेच दी जाती है । खरीददारों को यह भी पता नहीं होता कि उसको गलत, अशुद्ध या सड़ी, गली सामग्री देने वाला दुकानदार कौन है ।
नगर पालिका गली गली में मौजूद रेहड़ी, ठेले वालों से प्रतिदिन टैक्स वसूली करती थी तो नाम , पता लिखने में एतराज क्यों ! नगर पालिका, नगर पंचायत, नगर निगम आदि संस्थाओं को इस सभी विक्रेताओं को एक विक्रेता नंबर उपलब्ध कराना चाहिए ताकि नगर पालिका में टैक्स की राशि ज्यादा पहुंचेगी । ठेकेदार या वसूली कर्मचारी अभी बड़ी तादाद में दुकानदारों से सड़क पर खड़े होने के एवज में पैसे लेकर अपनी जेब में डाल लेते हैं ।
खान पान का सामान बेचने वाले और जिम्मेदार बने इसलिए
खान पान की रेहड़ी वाले जरूर यह जानकारी स्वप्रेरणा से पठनीय आकर में यह सब लिखें ।
हालांकि मध्य प्रदेश में अब हाथ ठेला वालों से रुपए पैसे की वसूली अब सरकार ने बंद कर दी है परंतु केंद्र और राज्य सरकार ने देश भर में बहुतेरे व्यवसाय करने वालों को दस हजार रुपए प्रदान किए थे । सरकार उनकी चिंता करती है तो उनको भी विक्रेताओं के स्वास्थ्य, भावनाओ का ख्याल करना चाहिए ।