श्रावण मास की चतुर्दशी पर शिव स्थापना के अवसर पर त्रिवेणी वृक्ष लगाये



शिवपुरी- शहर के शिव मंदिर पर शिव मूर्ति स्थापना दिवस के अवसर पर श्रावण मास की चतुर्दशी के दिन मदद बैंक  प्रमुख पर्यावरण प्रेमी ब्रजेश सिंह तोमर,समाजसेवी  दुर्गेश गुप्ता ने त्रिवेणी पेड़ लगाये। जब त्रिवेणी लगाते हैं तो धरती मां से उल्लास छलकता हुआ महसूस होता हैं। त्रिवेणी एक साधारण वृक्ष ना होकर इसका आध्यात्मिक महत्व है। त्रिवेणी में ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश का वास माना गया है। त्रिवेणी को लगाने, लगवाने या किसी भी तरह इसकी सेवा करने से समस्त देवता एवं पितृ स्वत: ही पूजित हो जाते हैं। 




कहा जाता है कि जब इन तीनों का संगम होता और जहाँ भी होता है तो वहा ब्रह्म शक्ति का निवास होता है और उस स्थान को पवित्र स्थान माना जाता है।

बरगद: ये पौधा लगाने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। इसमें जल देने से व्यक्ति दीर्घायु होता है। यह मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है। बरगद को साक्षी मानकर माता सीता ने राजा दशरथ के लिए पिंडदान किया था।

पीपल:पीपल, एक बड़ा सदाबहार पेड़ है, जिसे भारत में पवित्र माना जाता है। यह न केवल ऑक्सीजन छोड़ता है बल्कि इसके कई महत्वपूर्ण औषधीय लाभ भी हैं। पीपल के विभिन्न भागों जैसे जड़ की छाल, तने की छाल, जड़ें, पत्ते और फल का उपयोग उच्च रक्त शर्करा के स्तर, कब्ज और अस्थमा जैसी स्थितियों के प्रबंधन के लिए किया जाता है।

विष्णु धर्मोत्तर पुराण और पद्म पुराण का कहना है कि पुरुषोत्तम महीने में भगवान विष्णु की पूजा स्वर्ण पुष्प से करने का विधान है। यानी अधिक मास में भगवान विष्णु को चंपा के फूल चढ़ाने से ही हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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