तिरंगा फहराने और इसके इस्तेमाल को लेकर क्या हैं नियम-कायदे, अपमान करने पर क्या मिलती है सजा?




इन बातों का रखें खास ध्यान

भारतीय ध्वज संहिता के अनुच्छेद 2.2 के अनुसार, कोई भी आम नागरिक अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है। हालांकि, जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित होता है, तो उसे सम्मान की स्थिति में होना चाहिए और स्पष्ट रूप से रखा जाना चाहिए। जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित किया जाए, तो उसे पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए। उसे उचित स्थान पर रखा जाना चाहिए। आपको खासतौर से ध्यान रखना होगा कि ध्वज जमीन पर या फिर किसी गंदी जगह पर नहीं रखा जाए। नियमों के मुताबिक, राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल वस्तुओं को लपेटने, प्राप्त करने और बांटने के लिए नहीं किया जा सकता। ध्वज को जमीन या फर्श या पानी में स्पर्श की अनुमति नहीं है। किसी कार्यक्रम में वक्ता की मेज को ढकने या वक्ता के मंच को इससे लपेटा नहीं जा सकता है। ध्वज संहिता के मुताबिक राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी अन्य ध्वज या ध्वजों के साथ एक ही स्तंभ पर नहीं फहराया जाना चाहिए। साथ ही, कटा-फटा या मैला-कुचैला राष्ट्रीय ध्वज भी प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए।

क्या गाड़ी पर लगा सकते हैं राष्ट्रीय ध्वज?

15 अगस्त के मौके पर अगर आप अपनी गाड़ी पर तिरंगा लगाने की सोच रहे हैं, तो आपको बता दें कि देश के हर नागरिक को इसकी अनुमति नहीं है। गाड़ियों पर राष्ट्रीय ध्वज स्थापित करने का विशेषाधिकार भारतीय ध्वज संहिता 2002 के अनुच्छेद 3.44 के अनुसार सिर्फ इन व्यक्तियों तक ही सीमित है- राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति राज्यपाल और उपराज्यपाल भारतीय मिशन के प्रमुख/प्रधानमंत्री,कैबिनेट मंत्री राज्य मंत्री और संघ के उप मंत्री मुख्यमंत्री और राज्य या केंद्र शासित कैबिनेट मंत्री लोकसभा के अध्यक्ष राज्य सभा के उपाध्यक्ष लोकसभा के उपाध्यक्ष राज्यों की विधान परिषदों के अध्यक्ष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधान सभाओं के अध्यक्ष राज्यों की विधान परिषद के उपाध्यक्ष राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की विधान सभाओं के उपाध्यक्ष भारत के मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश

नियमों के उल्लंघन पर क्या है सजा?

राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर संविधान में सजा का प्रावधान किया गया है। अगर आप उल्टा, कटा-फटा या मैला-कुचैला झंडा फहराते पाए जाते हैं, तो राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा-2 में भारतीय राष्ट्रीय प्रतीकों जैसे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और राष्ट्रगान के अपमान को रोकने के मकसद से सजा के प्रावधान किए गए हैं, जिनके मुताबिक 3 साल तक की जेल, जुर्माना या फिर दोनों सजाएं हो सकती हैं।

केंद्र सरकार ने 2022 में फ्लैग कोड के नियमों में दो बड़े बदलाव किए थे. पहला तो ये कि अब तिरंगे को रात में भी फहराया जा सकता है. पहले तिरंगा सिर्फ सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहरा सकते थे. लेकिन अब 24 घंटे घर पर तिरंगा फहरा सकेंगे.

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