शिवपुरी / / भारतीय साहित्य एवं संस्कृति संस्थान के अध्यक्ष अवधेश सक्सेना के निवास प्रेमधाम पर शहर के संगीत प्रेमियों का दीपावली मिलन कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें मुख्य अतिथि ब्रजेश अग्निहोत्री एवं अध्यक्षता कर रहे सुकून शिवपुरी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित किया । कार्यक्रम के अध्यक्ष, मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत नीरज खरे ने किया । कार्यक्रम में सुकून शिवपुरी ने हे दुख भंजन मारुति नंदन भजन, परदेसियों से न अंखियां मिलाना, हाय इन प्यार में डूबी हुई आंखों की कसम तेरी सूरत ने गजब ढाया है, एवं अवधेश सक्सेना ने ये चमक ये दमक फ़ुलवन मा महक सब कुछ सरकार तुम्हई से है, ओ हंसिनी मेरी हंसिनी कहां उड़ चली, जब दीप जले आना जब शाम ढले आना, फिरकी वाली तू कल फिर आना गाया। बृजेश अग्निहोत्री ने पल भर के लिए कोई हमें प्यार करले, तुम अगर मुझको न चाहो तो कोई बात नहीं तुम किसी और को चाहोगी तो मुश्किल होगी, जिंदगी का सफर है ये कैसा सफर कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं, त्रिलोचन जोशी ने तुमने मुझे देखा होकर मेहरबान, तुम मुझे यूं भुला न पाओगे, नीरज खरे ने भूली हुई यादो मुझे इतना न सताओ, राम करे ऐसा हो जाए मेरी निंदिया तोहे मिल जाए, मेरे दिल में आज क्या है तू कहे तो मैं बता दूं, गिरीश मिश्रा ने जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे, मेरे दीवानेपन की भी दवा नहीं, धर्मेंद्र साहू ने दिल का सूना साज तराना ढूंढेगा, तेरे खामोश होंठों से मुहब्बत गुनगुनाती है, चिट्ठी आई है आई है, मुकेश आचार्य ने कौन है जो सपनों में आया कौन है जो दिल में समाया, इक प्यार का नगमा है, किशन सिंह राणावत ने दिल की ये आरजू थी कोई दिलरुबा मिले, दिल ही दिल में ले लिया दिल मेहरबानी आपकी, मेरे नैना सावन भादों फिर भी मेरा मन प्यासा, नीरज राणावत ने दिल की ये आरजू थी कोई दिलरुबा मिले, लंबी जुदाई चार दिनों दा प्यार हो रब्बा, दिल हूं हूं करे घबराए, यारा सिली सिली, निशा राणावत ने कजरा मुहब्बत बाला अंखियों में ऐसा डाला, ऊषा राणावत ने जब दीप जले आना, कजरा मुहब्बत बाला अंखियों में ऐसा डाला तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है, इक प्यार का नगमा है,मेरे नैना सावन भादों फिर भी मेरा मन प्यासा एवं चंद्र शेखर राणावत ने चांदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल गीत गाए पूरे कार्यक्रम का ऑनलाइन लाइव प्रसारण किया गया जिसे देश विदेश के सैकड़ों लोगों ने देखा और सराहा । कार्यक्रम का मधुर एवं सफल संचालन गिरीश मिश्रा मामा ने किया एवं आभार प्रदर्शन अवधेश सक्सेना ने किया ।