15/11/24- शिवपुरी न्यायालय के न्यायाधीश श्री रवि कुमार बौरासी ने दस लाख के चैक बाउंस मामले में दोनों पक्षों के तर्क सुनने के पश्चात आरोपी अजय गुप्ता को दोषमुक्त कर दिया है। उक्त प्रकरण में न्यायाधीश ने पाया कि परिवादी विनोद कुमार गुप्ता ने अभियुक्त को दस लाख रूपये उधार दिये नहीं दिये थे बल्कि परिवादी ने भाई संजू जैन के कहने पर यह परिवाद प्रस्तुत किया था। अभियुक्त अजय गुप्ता की ओर से पैरवी अभिभाषक भरत ओझा द्वारा की गई।
संक्षेप में मामला इस प्रकार है कि परिवादी विनोद कुमार गुप्ता निवासी क़ष्णपुरम कॉलोनी शिवपुरी ने अभियुक्त अजय गुप्ता पृत्र रमेश चंद गुप्ता निवासी फिजीकल रोड शिवपुरी को 10 लाख रूपये नगद उधार 6 माह के लिये निजी एवं पारिवारिक व व्यवसायिक आवश्यकताओं के लिये उधार दिये थे और उक्त दिनांक को ही एक प्रोमेसरी नोट एवं पावती पत्र साक्षीगण के समक्ष संपादित कर दिया था। परिवादी द्वारा 6 माह बाद पैसे वापस मांगने पर अजय गुप्ता ने अपने खाते का एक चैक दिया था जिसे परिवादी ने बैंक भुगतान हेतु प्रस्तुत करने पर बाउंस हो गया और उसका नोटिस जारी किया इसके पश्चाभत उक्त चैक का परिवाद न्यायालय में प्रस्तुत किया। उक्ता मामले में अभियुक्त अजय गुप्ता के अधिवक्ता ने न्यायालय के समक्ष यह तर्क दिये कि अभियुक्त ने न तो परिवादी से दस लाख रूपये उधार लिये और न ही चैक दिया था बल्कि उक्त चैक परिवादी के रिश्ते में भाई संजू जैन को दिया था और उसने रंजिशन उक्त चैक का दुरूपयोग कर परिवादी के नाम से परिवाद न्या यालय में प्रस्तुत किया साथ में यह भी बचाव लिया गया कि परिवादी जो अपने हित में प्रोमेसरी नोट संपादित होना बता रहा है उस पर कहीं पर भी परिवादी का नाम ही अंकित नहीं है। न्यायालय ने अभियुक्त के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुये मामले को पूरी तरह से संदेहास्पद माना और अभियुक्त अजय गुप्ता को 10 लाख रूपये के चैक के मामले में दोषमुक्त कर दिया।