शिवपुरी, 30 दिसंबर 2024
जेल की दीवारों के भीतर अक्सर गूंजने वाली खामोशी इस बार आध्यात्मिक संकीर्तन और प्रेरणादायक विचारों से गूंज उठी। सर्किल जेल शिवपुरी में आयोजित आध्यात्मिक कार्यक्रम ने महिला बंदियों के जीवन को एक नई दिशा देने की कोशिश की।
गायत्री परिवार ने थामा नेतृत्व:
कार्यक्रम का आयोजन अखिल विश्व गायत्री परिवार की संयोजिका विजय लक्ष्मी शर्मा और उनकी सहयोगी टीम—गीता राजावत और बबीता मित्तल द्वारा किया गया। महिला प्रकोष्ठ की बंदी बहनों को न केवल संकीर्तन और जप का महत्व बताया गया, बल्कि उन्हें मानसिक तनाव से मुक्ति पाने के आसान और प्रभावी उपाय भी सिखाए गए।
जीवनशैली पर खास चर्चा:
कार्यक्रम में यह समझाया गया कि हमारी जीवनशैली हमारे विचारों और व्यवहार को कैसे प्रभावित करती है। बंदियों को यह संदेश दिया गया कि सही चिंतन और सकारात्मक व्यवहार ही जीवन को बदलने की कुंजी है।
शांति के सुर और आत्म-सुधार का संदेश:
इस कार्यक्रम ने जेल के माहौल को बदलते हुए बंदियों के भीतर आत्म-सुधार की भावना जगाई। आध्यात्मिक गतिविधियों ने उन्हें यह अहसास दिलाया कि जीवन में सुधार का मौका हर किसी को मिलता है।
जेल अधीक्षक ने किया धन्यवाद:
जेल अधीक्षक रमेशचंद्र आर्य ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी अतिथियों और गायत्री परिवार की टीम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम बंदियों के जीवन में नई उम्मीदें और सकारात्मकता लाते हैं।
निष्कर्ष:
सर्किल जेल शिवपुरी का यह आध्यात्मिक शिविर साबित करता है कि दीवारों से घिरे जीवन को भी सकारात्मक ऊर्जा और आत्मज्ञान से संवारा जा सकता है। यह पहल बंदियों के सुधार की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।