कृषिवानिकी में क्रांति: शिवपुरी के कृषक और वैज्ञानिक बने 'कृषिवानिकी राजदूत'




शिवपुरी, 29 दिसंबर 2024।

भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान संस्थान, झांसी द्वारा राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में देशभर के 10 किसानों और कृषि वैज्ञानिकों को 'कृषिवानिकी राजदूत' (एग्रोफोरेस्ट्री एम्बेसडर) सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान कृषिवानिकी तकनीकों को अपनाने, बढ़ावा देने और प्रसारित करने के लिए दिया गया।



शिवपुरी जिले के दो कृषक और एक वैज्ञानिक को विशेष सम्मान:

शिवपुरी जिले से कृषक रामगोपाल गुप्ता (ग्राम भौंती, विकासखंड पिछोर) को आंवला आधारित कृषिवानिकी को बढ़ावा देने और इसे अपनाने के लिए सम्मानित किया गया। वहीं, कृषक महिम शर्मा (ग्राम बड़ागांव, विकासखंड शिवपुरी) को आम आधारित कृषिवानिकी अपनाने और प्रसारित करने के लिए यह सम्मान मिला।

इसके अलावा, शिवपुरी के कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मुकेश कुमार भार्गव को कृषिवानिकी तकनीकों को क्षेत्रीय स्तर पर प्रभावी और उपयोगी बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए 'कृषिवानिकी राजदूत' घोषित किया गया।


महिला सशक्तिकरण में कृषिवानिकी का योगदान:

शक्तिशाली महिला संगठन समिति, शिवपुरी की निदेशक रवि गोयल को जनजातीय बाहुल्य ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण वाटिका, स्वास्थ्य, पौधारोपण, बाउंड्री प्लांटेशन जैसी विधाओं को बढ़ावा देने और महिलाओं को जागरूक करने के लिए सम्मानित किया गया।


कृषिवानिकी के सफल मॉडल और योगदान:

शिवपुरी जिले में कृषिवानिकी के कई सफल उदाहरण स्थापित किए गए हैं। हल्की लाल कंकरीली भूमि में आंवला और बेर के फल वृक्षों के साथ मूंगफली-उड़द का फसल चक्र अपनाया गया है। साथ ही, अमरूद और आम जैसे फल वृक्षों को सोयाबीन-गेहूं के फसल चक्र के साथ जोड़ा गया है। ब्लॉक प्लांटेशन के तहत बांस और सहजन की खेती भी प्रोत्साहित की जा रही है।

इसके अलावा, नवीन मूल्यवान फसलों जैसे ड्रैगन फ्रूट की खेती को भी बढ़ावा दिया गया है। इन प्रयासों से न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिली है, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है।


कार्यक्रम में डॉ. ए. अरुणाचलम (निदेशक, केंद्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान संस्थान) और डॉ. आर. पी. द्विवेदी (प्रधान वैज्ञानिक, कृषि प्रसार) ने विशेष योगदान देने वाले किसानों और वैज्ञानिकों को सम्मानित किया।


शिवपुरी जिले के इन प्रयासों ने कृषिवानिकी के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान की है, जिससे न केवल पर्यावरण की रक्षा हो रही है, बल्कि कृषि की उन्नत तकनीकों से किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है।


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