शिवपुरी ब्यूरो
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की साले विद्यार्थी शाखा द्वारा गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती के अवसर पर सरस्वती विद्यापीठ में एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर विद्यालय, महाविद्यालय और छात्रावास के बच्चों को गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन पर आधारित एक प्रेरणादायक पिक्चर दिखाई गई।
पिक्चर में गुरु गोविंद सिंह जी के युद्ध कौशल के साथ-साथ उनके बहुमुखी व्यक्तित्व का भी चित्रण किया गया। उन्होंने संस्कृत, हिंदी, फारसी जैसी भाषाओं में निपुणता हासिल की थी और उनका ज्ञान बहुत विस्तृत था। विशेष रूप से उनकी भूमिका खालसा पंथ के संस्थापक के रूप में भी प्रदर्शित की गई, जिसे उन्होंने 1699 में बैसाखी के दिन स्थापित किया था। खालसा पंथ का मुख्य उद्देश्य धर्म की रक्षा और परोपकार था।
गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन त्याग और बलिदान का प्रतीक था। उन्होंने अपनी शिक्षा, संस्कृति और संघर्ष के माध्यम से समाज में भाईचारा और समानता का संदेश दिया। गुरु गोविंद सिंह जी ने सिखों को अपने आत्मसम्मान की रक्षा करने और भेदभाव तथा कुरीतियों से मुक्त रहने का पाठ पढ़ाया।
गुरु गोविंद सिंह के बलिदान को भी पिक्चर में विस्तार से दिखाया गया, जिसमें उनके दो बेटे युद्ध में शहीद हो गए और दो बेटों को मुगलों ने जिंदा दीवारों में चुनवा दिया। गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने शरीर को त्यागते हुए 1708 में गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों के मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत के रूप में स्थापित किया।
इस अवसर पर विद्यार्थियों को गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन से प्रेरणा लेने और उनके बताए मार्ग पर चलने का संदेश दिया गया। सरस्वती शिशु विद्यापीठ, वनवासी छात्रावास, पीजी महाविद्यालय और अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने इस पिक्चर को देखा और गुरु गोविंद सिंह जी के अद्वितीय योगदान को समझा।