भोपाल। जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले बुंदेलखंड की जल सहेलियों ने आज भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। उन्होंने उन्हें अपने संगठन द्वारा तालाबों, छोटी नदियों के पुनर्जीवन और जल पुन: उपयोग के उपायों के जरिए बुंदेलखंड में जल संरक्षण के प्रयासों की जानकारी दी।
जल सहेलियों ने बताया कि उनके प्रयासों के कारण उन्हें ‘नारी शक्ति से जल शक्ति’ के रूप में देशभर में पहचान मिली है। उन्होंने शिवराज सिंह चौहान को बुंदेलखंड के पांच जिलों - निवाड़ी, झांसी, ललितपुर, टीकमगढ़ और छतरपुर - में आयोजित 300 किलोमीटर लंबी पदयात्रा ‘जल सहेलियों की जल यात्रा’ में शामिल होने का आमंत्रण दिया। यह यात्रा 2 फरवरी से शुरू होकर 19 फरवरी को समाप्त होगी।
शिवराज सिंह चौहान का प्रतिक्रिया:
शिवराज सिंह चौहान ने जल सहेलियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, "जल संरक्षण और संवर्धन के लिए आपका यह प्रयास प्रेरणादायक है। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संकट से बचने का समाधान भी है। इस यात्रा में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात होगी।"
उन्होंने जल सहेलियों को इस यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि इस पहल से जल संकट ग्रस्त क्षेत्रों में सुधार होगा और जनजागरूकता बढ़ेगी।
जल यात्रा की विशेषताएं:
यात्रा का नाम: ‘जल सहेलियों की जल यात्रा’
300 किलोमीटर लंबी पदयात्रा
जल संरक्षण और पुनरुद्धार का संदेश
ओरछा से जटाशंकर धाम तक 5 जिलों में आयोजित
जल सहेलियों का योगदान:
जल सहेलियां पिछले कई वर्षों से बुंदेलखंड में जलस्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए कार्यरत हैं। उनके प्रयासों से न केवल क्षेत्र में जल संकट का समाधान हुआ है, बल्कि महिलाओं के नेतृत्व में सामुदायिक भागीदारी का एक नया अध्याय भी लिखा गया है
यह यात्रा समाज में जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करेगी।