नशामुक्त भारत की दिशा में बड़ा कदम: मोदी सरकार का 'ज़ीरो टॉलरेंस' अभियान तेज



नई दिल्ली: ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार ने एक और ठोस कदम उठाते हुए 'नशामुक्त भारत' अभियान को नई ऊंचाई दी है। आज नई दिल्ली में ड्रग तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर उत्तरी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस अवसर पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने 'ड्रग्स विनष्टीकरण पखवाड़ा' की शुरुआत की। इसके तहत 11 से 25 जनवरी तक देशभर में लगभग ₹8,672 करोड़ मूल्य के एक लाख किलोग्राम मादक पदार्थों को नष्ट करने का लक्ष्य रखा गया है।


‘MANAS-2’ हेल्पलाइन का उद्घाटन:

सम्मेलन में 'MANAS-2' हेल्पलाइन के विस्तारीकरण का उद्घाटन किया गया। टोल-फ्री नंबर 1933 के माध्यम से आम जनता अब सीधे NCB से जुड़ सकेगी। यह हेल्पलाइन ड्रग्स के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने, शिकायत दर्ज कराने और सहायता प्राप्त करने में मदद करेगी। गोपनीयता और विश्वसनीयता को प्राथमिकता देते हुए यह अभियान ड्रग्स से प्रभावित युवाओं और उनके परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा साबित होगा।


भोपाल NCB कार्यालय का उद्घाटन:

सम्मेलन में NCB के भोपाल जोनल यूनिट के नए कार्यालय का भी शुभारंभ किया गया। मोदी सरकार का उद्देश्य हर राज्य में NCB कार्यालय स्थापित कर ड्रग्स के इकोसिस्टम पर कठोर प्रहार करना है। राज्य सरकारों के सहयोग से यह प्रयास नशामुक्त भारत की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है।

ड्रग्स के खिलाफ ठोस रणनीति:

'ज़ीरो टॉलरेंस' नीति पर काम करते हुए सरकार न केवल ड्रग्स के उत्पादन और तस्करी पर रोक लगा रही है, बल्कि जब्त किए गए मादक पदार्थों को नष्ट करने का भी प्रबंध कर रही है। इससे ड्रग्स के दुबारा उपयोग की संभावना समाप्त होगी।

यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘नशामुक्त भारत’ के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभा रही है। समाज को जागरूक करना और युवाओं को नशे से बचाना ही इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।


हमारा कर्तव्य:

ड्रग्स के खिलाफ इस जंग में हर नागरिक का सहयोग आवश्यक है। आइए, इस अभियान में सहभागी बनें और नशामुक्त भारत के निर्माण में अपना योगदान दें।


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