जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद की 54वीं बैठक




आलेख - अनिल मालवीय 

जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद की 54वीं बैठक 2025 में आयोजित की गई, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जीएसटी प्रणाली को और अधिक सरल, पारदर्शी और व्यापारियों के लिए सुविधाजनक बनाना था। इसमें कुछ प्रमुख सुधारों और निर्णयों पर चर्चा हुई, जो व्यापार और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।

1. जीएसटी दरों में परिवर्तन: बैठक में विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में बदलाव पर विचार किया गया। इससे छोटे और मंझले व्यापारियों को राहत मिल सकती है, जबकि उच्च दर वाले क्षेत्रों पर भी पुनः विचार किया गया ताकि एक समान और निष्पक्ष प्रणाली बनाई जा सके।

2. कंपोजीशन योजना: छोटे व्यापारियों के लिए कंपोजीशन योजना को सरल बनाने पर भी चर्चा हुई, ताकि उन्हें जीएसटी से संबंधित जटिलताओं से न जूझना पड़े। यह योजना छोटे कारोबारियों के लिए लाभकारी हो सकती है, जिससे वे टैक्स का सही भुगतान कर सकें।

3. ऑनलाइन व्यापार पर ध्यान: डिजिटल व्यापार के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, जीएसटी परिषद ने ऑनलाइन व्यापारियों पर बेहतर निगरानी और समुचित कराधान की आवश्यकता पर बल दिया। इसका उद्देश्य ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर कार्य करने वाले व्यापारियों को अधिक पारदर्शिता और समान कराधान प्रणाली में लाना है।

4. सीटिंग व्यवस्था और राज्य-केन्द्र का संतुलन: बैठक में राज्य और केंद्र सरकार के बीच कर वितरण पर भी विचार किया गया, ताकि राज्यों को उनके वित्तीय अधिकारों का पूरा लाभ मिल सके और केन्द्र के साथ समन्वय बेहतर बना रहे।

5. जीएसटी रिफंड प्रक्रिया: जीएसटी रिफंड को और अधिक पारदर्शी और सरल बनाने के लिए प्रक्रियाओं में सुधार की योजना बनाई गई। इसका उद्देश्य व्यापारियों को समय पर रिफंड मिलने में मदद करना है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत हो सके।

निष्कर्ष: जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक में जो निर्णय लिए गए, वे भारतीय कर प्रणाली को और अधिक प्रगतिशील और व्यापारियों के अनुकूल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। इस बैठक ने यह साबित किया कि सरकार जीएसटी प्रणाली को लगातार बेहतर बनाने और कारोबारियों के लिए एक सहज वातावरण उत्पन्न करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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