कार्य को पूजा समझ कर करोगे तो कार्य में आनंद आएगा - संयुक्त कलेक्टर जे पी गुप्ता

 


शिवपुरी|आनंद संस्थान के द्वारा जिले के आनंद ग्राम रातौर के ग्राम वासियों के लिए आयोजित अल्पविराम परिचय कार्यशाला और विश्व पृथ्वी दिवस का आयोजन 22 अप्रैल को शिवपुरी की कोठी नंबर 26 में किया गया, जिसमें आनंद ग्राम के लगभग 85 प्रतिभागियों ने आनंद की यात्रा की,जिसका शुभारंभ संयुक्त कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी श्जेपी गुप्ता , सहायक नोडल अधिकारी अभय कुमार जैन, ब्रजेश सिंह तोमर (पर्यावरण बाबा) और आनंदग्राम रातौर के सक्रिय सरपंच रामकुमार वर्मा ने दीप प्रज्वलन कर किया।

आनंदम सहयोगी कुमारी आशा प्रजापति द्वारा प्रार्थना "इतनी पनाह में हमे रखना" के भाव के साथ सभी प्रतिभागियों ने अपना और आनंद संस्थान का परिचय की बेला को जिया। आनंद क्या है ?, मेरा आनंद किन चीजों से बढ़ता है? और किन-किन चीजों से घटता है ?" जैसे प्रश्नों के माध्यम से जिला संपर्क व्यक्ति एवं मास्टर ट्रेनर श्रीमती रिजवाना खान ने आनंद की ओर कदम बढ़ाए पर चर्चा की। रिश्ते क्या है हम अपने आसपास किन किन रिश्तों को जी रहे हैं एवं रिश्तों के महत्व को गुब्बारे


नामक वीडियो से महसूस कराया। आनंद रिश्तों में हैं,इस कथन को सार्थकता ब्रजेश तोमर ने प्रदान की। विश्व पृथ्वी दिवस के अंतर्गत उन्होंने पर्यावरण के साथ अपने रिश्ते को साझा किया। सभी को ईको फ्रेंडली घरों की रूप रेखा को जीवंत किया। अपनी मातृभूमि का ऋण जो हम सभी पर है, प्रकृति हमें प्रतिदिन सांसे निशुल्क प्रदान करती है। अभय जैन ने सभी से ताली बजाकर अपने प्रतिभा का आंकलन कराया। साथ ही आनंद की ओर और रिश्ते के सत्रों का फीड बैक भी प्राप्त कर किया। सत्र के बीच में दोपहर के भोजन का आनंद भी सभी ने प्राप्त किया। सक्रिय आनंदक प्रतिभा जैन द्वारा "भला किसी का कर ना सको तो बुरा किसी का मत करना"गीत का आनंद समस्त प्रतिभागियों को कराया। डा. विजय निराला एवं अनु तोमर का सानिध्य संपूर्ण सत्र में प्राप्त रहा। कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग वोकेशनल ट्रेनर एवं आनंदम सहयोगी निर्विकल्प जैन द्वारा किया गया। कार्यक्रम में आनंद ग्राम के बुजुर्ग, युवा, पुरुष,महिलाएं और बच्चे सम्मिलित रहे। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन जिला संपर्क व्यक्ति एवं मास्टर ट्रेनर राज्य आनंद संस्थान श्रीमती रिजवाना खान किया गया। आनंद ग्राम के कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता,सहायिकाओं एवं ग्रामीण आजीविका मिशन की समूह की महिलाओं का भरपूर सहयोग रहा।

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